श्री डी०जे० जोशी का जन्म 7 जुलाई 1911 ई० को महेश्वर में एक ब्राह्मण ज्योतिषी परिवार में हुआ था जो पण्ड्या कहे जाते थे। श्री जोशी का बचपन से ही अन्य विषयों की अपेक्षा कला में अधिक मन लगता था अतः अध्ययन बहुत कम किया और इन्दौर कला विद्यालय में देवलालीकर के पास कला की शिक्षा लेने पहुँच गये।
वहाँ से 1933 में श्री जोशी ने बम्बई की जी० डी० की उपाधि प्राप्त की । नारायण श्रीधर बेन्द्रे तथा एम० एस० जोशी इनके समकालीन विद्यार्थियों में थे और जोशी की कलात्मक प्रतिमा के विकास में बेटे ने भी बहुत सहायता की चित्रकला के अतिरिक्त मूर्तिकला में भी रुचि होने के कारण इन्होंने धार के मूर्तिकार दादा फडके से 1937 में सम्पर्क किया और उनसे कुछ समय तक शिक्षा प्राप्त कर मूर्तिकला के अध्ययन के लिये बम्बई के सर जे० जे० स्कूल आफ आर्ट में सीधे चतुर्थ वर्ष में प्रवेश लिया ।
चतुर्थ वर्ष की परीक्षा में प्रथम घोषित होने पर भी इन्होंने अध्ययन छोड़ दिया और धार के लक्ष्मी कला भवन में प्रथम प्राचार्य के रूप में नियुक्त हुए। सन् 1952 से 1968 तक वे चित्रकला मन्दिर (आर्ट स्कूल) इन्दौर में प्राचार्य के पद पर रहे और वहीं से सेवा-निवृत्ति हुए। 1947 से उन्होंने नियमित प्रदर्शनियां की.
श्री जोशी ने अपना समस्त कार्य मालवा क्षेत्र (धार- इन्दौर) में रहते हुए ही किया और लगभग तीन हजार चित्रों तथा मूर्तियों की रचना की। आरम्भ से ही कला में प्रवीणता के कारण छात्र जीवन से ही आपको पुरस्कार मिलले लगे थे।
मद्रास, नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बम्बई, शिमला, कलकत्ता, त्रिवेन्द्रम, बड़ौदा आदि में आपको ललित कला की संस्थाओं, राजकीय संस्थाओं, गवर्नर तथा राजामहाराओं आदि के द्वारा अनेक पदकों एवं नकद पुरस्कारों से सम्मानित किया गया तथा आपके सम्मान में विशेष उत्सव आयोजित किये गये शासकीय तथा व्यक्तिगत अनेक संग्रहालयों में आपकी कला कृतियों संग्रहीत हैं।
आप अपने निवास स्थान पर कला वीथिका में भी प्रदर्शनियाँ आयोजित करते रहते थे। आधुनिक भारतीय कला के प्रमुख केन्द्रों दिल्ली तथा बम्बई आदि से दूर रहकर ये प्रभाववादी कला कृतियों की रचना में ही जुट गये इससे वे प्रथम श्रेणी के प्रभाववादी दृश्य-चित्रकार बन गये रंग बिरंगी भीड से भरे घाटों, हरित रंग का शान्त गम्भीर जल, मालवा की भूरी भूमि के मध्य सर्पाकार घुमाव युक्त सरिताओं में तैरती नौकाओं, श्याम वर्ण ग्रामवासी, क्षेत्रीय लोगों के दैनिक क्रिया कलापों तथा क्षितिज की नीची पहाड़ियों का अंकन ही इनके चित्रों के प्रमुख विषय रहे हैं।
उनका अधिकांश कार्य प्रभाववादी तूलिकाघातों की भाँति हैं किन्तु कहीं-कहीं प्रभावोत्तरवादी रेखात्मक अथवा बिन्दुवादी रीति से भी उन्होंने रंग लगाये है।
जोशी जी के रंग फाय अथवा राजस्थानी शैली के चित्रकारों की भाँति मणियों के समान दमकते है। उनकी आकृतियाँ प्रतिरूपात्मक न होकर आभासात्मक हैं।
लाल पगड़ी, साप्ताहिक बाजार, भिखारी, जलमहल उदयपुर, धार की एक गली, टोकरियाँ, चूड़ियाँ खरीदती दुल्हन, चौपाटी, विजेता, नायें, गौरी त्यौहार, ओंकारेश्वर तथा कुएँ पर, आदि आपकी प्रसिद्ध कृतियाँ हैं।
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Somnath Hore, Dhan Raj Bhagat, Ramkinkar Vaij, Arpana Caur, Jai Zharotia, Gogi Saroj Pal, Vivan Sundaram, Manjit Bawa, Jatin Das, Biren De, Gulam Mohammad Sheikh, Arpita Singh, A Ramachandran, Om Prakash, Shanti Dave, Bishamber Khanna, Jagdish Swaminathan, Anjolie Ela Menon, Satish Gujral, G.R. Santosh
- प्रागैतिहासिक कालीन भारतीय मूर्तिकला और वास्तुकला का इतिहास | History of Prehistoric Indian Sculpture and Architecture
प्रागैतिहासिक काल (लगभग 3000 ईसा पूर्व से 1500 ईसा पूर्व) पृष्ठभूमि भारतीय मूर्तिकला और वास्तुकला … - सिंधु घाटी सभ्यता का इतिहास,प्रमुख नगर,वास्तुकला,चित्र कला,मोहरें और प्रतिमाएं | History of Indus Valley Civilization, Major Cities, Architecture, Paintings, Seals and Statues
हड़प्पा व मोहनजोदड़ो की कला पाषाण युगीन सहस्त्रों वर्षों के पश्चात् की प्राचीनतम संस्कृतियाँ सिन्धु … - कला क्या है | कला का अर्थ, कला के प्रकार
“जीवन के प्रत्येक अंगों को नियमित रूप से निर्मित करने को ही कला कहते हैं।” समय-समय पर कुछ विद्वानों ने अपने विचार कला की परिभाषा के प्रति व्यक्त किए हैं, कुछ जो निम्न है… - भारतीय चित्रकला के छः अंग | Six Limbs Of Painting
षडंग चित्रकार अपने निरंतर अभ्यास के द्वारा अपने भावों सम्वेदनाओं तथा अनुभवों के प्रकाशन हेतु … - Cave painting | गुफ़ा चित्र
गुहा चित्रण (जोगीमारा, अजन्ता, बाघ, बादामी, एलोरा, सित्तनवासल इत्यादि) जोगीमारा गुफाएँ Read More About Famous … - भारतीय लघु चित्रकला की विभिन्न शैलियां | Different Styles of Indian Miniature Paintings
भारतीय लघु चित्रकला जैन शैली Read More About Famous Artists: Somnath Hore, Dhan Raj Bhagat, … - राजस्थानी चित्र शैली | राजस्थानी चित्र शैली के प्रमुख केंद्र | Rajasthani Schools of Painting | Major centers of Rajasthani painting style
राजस्थानी शैली परिचय राजस्थान का एक वृहद क्षेत्र है जो ‘अवोड ऑफ प्रिंसेज’ (Abode of … - अजंता गुफाओं की संख्या, चित्रकला,निर्माण काल और अजन्ता चित्र शैली की विशेषताएँ | Number of Ajanta Caves, Painting, Construction Period and Characteristics of Ajanta Painting Style
अजन्ता की गुफाएँ महाराष्ट्र में औरंगाबाद में 68 किलोमीटर दूर पहाड़ियों में विराजमान हैं। जहाँ प्रकृति ने मुक्त हस्त से अपना सौन्दर्य विकीर्ण किया है। प्राय: कलाकार को शोरगुल से दूर शान्तमय वातावरण में चित्रण करना भाता है - पहाड़ी शैली और उसकी विशेषताएं
परिचय 17 शताब्दी के अन्तिम चतुर्थांश में पहाड़ी राजकुमार मुगलों के आश्रित थे जो कि … - मिर्जापुर (उ०प्र०) एवं ‘मध्य-प्रदेश’ से प्राप्त शिलाचित्र | Inscriptions received from Mirzapur (U.P.) and ‘Madhya Pradesh’
उत्तर प्रदेश से प्राप्त शिलाचित्र मिर्जापुर इलाहाबाद-मुगलसराय रेल पच पर मिर्जापुर मुख्यालय से करीब 20 … - अजंता की मुख्य गुफाओं के चित्र
अजंता की मुख्य गुफाओं के चित्र,अजन्ता में चैत्य और बिहार दोनों प्रकार की 30 गुफायें हैं। इनमें गुफा संख्या 1, 2, 6, 7, 9, 10, 11,15, 16, 17, 19, 20, 21 व 22 में चित्र बने थे। आज केवल गुफा संख्या 1, 2, 9, 10, 16 व 17 चित्रों से मुख्य रूप से सुसज्जित है तथा यहीं अधिकांश चित्र सुरक्षित है। - अपभ्रंश शैली के चित्र | अपभ्रंश-शैली की प्रमुख विशेषतायें | जैन शैली | गुजराती शैली या पश्चिम भारतीय शैली | ग्रामीण शैली
श्वेताम्बर जैन धर्म की अनेक सचित्र पोथियाँ 1100 ई० से 1500 ई० के मध्य विशेष … - अकबर-कालीन चित्रित ग्रन्थ
अकबर काल में कला अकबर- 1557 ई० में अकबर अपने पिता हुमायूँ की मृत्यु के … - जहाँगीर कालीन चित्र शैली | जहाँगीर कालीन चित्र
चित्रकला के जिस संस्थान का बीजारोपण अकबर ने किया था वास्तव में वह जहाँगीर (१६०५-१६२७ … - गुप्त कालीन कला
गुप्तकाल (300 ई0-600 ई०) मौर्य सम्राट ने मगध को राज्य का केन्द्र बनाकर भारतीय इतिहास … - मेवाड़ चित्रशैली की विषय-वस्तु तथा विशेषतायें
मेवाड़ शैली राजस्थान के अन्य क्षेत्रों के समान मेवाड़ भी अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए … - ‘काँगड़ा’ चित्र-शैली की विषयवस्तु तथा विशेषतायें
‘काँगड़ा’ चित्र-शैली का परिचय बाह्य रूप से समस्त पहाड़ी कला ‘काँगड़ा’ के नाम से अभिहित … - गांधार शैली का विकास और इसकी विशेषताएँ
गांधार शैली कुषाण काल में गान्धार एक ऐसा प्रदेश था जहां एशिया और यूरोप की … - मुगल शैली | मुग़ल काल में चित्रकला और वास्तुकला का विकास | Development of painting and architecture during the Mughal period
मुगल चित्रकला को भारत की ही नहीं वरन् एशिया की कला में स्वतन्त्र और महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। यह शैली ईरान की कला परम्परा से उत्पन्न होकर भी ईरानी शैली नहीं रही। इस पर यूरोपीय तथा चीनी प्रभाव भी पड़े हैं। इस शैली पर भारतीय रंग योजनाओं तथा वातावरण का प्रभाव पड़ा है। - मौर्य काल में मूर्तिकला और वास्तुकला का विकास ( 325 ई.पू. से 185 ई.पू.) | Development of sculpture and architecture in Maurya period
मौर्यकालीन कला को उच्च स्तर पर ले जाने का श्रेय चन्द्रगुप्त के पौत्र सम्राट अशोक को जाता है। अशोक के समय से भारत में मूर्तिकला का स्वतन्त्र कला के रूप में विकास होता दिखाई देता है। - पाल शैली | पाल चित्रकला शैली क्या है?
नेपाल की चित्रकला में पहले तो पश्चिम भारत की शैली का प्रभाव बना रहा और बाद में उसका स्थान इस नव-निर्मित पूर्वीय शैली ने ले लिया नवम् शताब्दी में जिस नयी शैली का आविर्भाव हुआ था उसके प्रायः सभी चित्रों का सम्बन्ध पाल वंशीय राजाओं से था। अतः इसको पाल शैली के नाम से अभिहित करना अधिक उपयुक्त समझा गया।” - दक्षिणात्य शैली | दक्षिणी शैली | दक्खिनी चित्र शैली | दक्कन चित्रकला | Deccan Painting Style
दक्खिनी चित्र शैली: परिचय भारतीय चित्रकला के इतिहास की सुदीर्घ परम्परा एक लम्बे समय से … - संस्कृति तथा कला
किसी भी देश की संस्कृति उसकी आध्यात्मिक, वैज्ञानिक तथा कलात्मक उपलब्धियों की प्रतीक होती है। … - भारतीय कला संस्कृति एवं सभ्यता
कला संस्कृति का यह महत्त्वपूर्ण अंग है जो मानव मन को प्रांजल सुंदर तथा व्यवस्थित … - भारतीय चित्रकला की विशेषताएँ
भारतीय चित्रकला तथा अन्य कलाएँ अन्य देशों की कलाओं से भिन्न हैं। भारतीय कलाओं की … - कला अध्ययन के स्रोत
कला अध्ययन के स्रोत से अभिप्राय उन साधनों से है जो प्राचीन कला इतिहास के … - आनन्द केण्टिश कुमारस्वामी
पुनरुत्थान काल में भारतीय कला के प्रमुख प्रशंसक एवं लेखक डा० आनन्द कुमारस्वामी (1877-1947 ई०)- … - भारतीय चित्रकला में नई दिशाएँ
लगभग 1905 से 1920 तक बंगाल शैली बड़े जोरों से पनपी देश भर में इसका … - सोमालाल शाह | Somalal Shahआप भी गुजरात के एक प्रसिद्ध चित्रकार हैं आरम्भ में घर पर कला का अभ्यास …
- बंगाल स्कूल | भारतीय पुनरुत्थान कालीन कला और उसके प्रमुख चित्रकार | Indian Renaissance Art and its Main Paintersबंगाल में पुनरुत्थान 19 वीं शती के अन्त में अंग्रजों ने भारतीय जनता को उसकी …
- तैयब मेहतातैयब मेहता का जन्म 1926 में गुजरात में कपाडवंज नामक गाँव में हुआ था। कला …
- कृष्ण रेड्डी ग्राफिक चित्रकार कृष्ण रेड्डी का जन्म (1925 ) दक्षिण भारत के आन्ध्र प्रदेश में हुआ …
- लक्ष्मण पै
लक्ष्मण पै का जन्म (1926 ) गोवा के एक सारस्वत ब्राह्मण परिवार में हुआ था। … - आदिकाल की चित्रकला | Primitive Painting
(गुहाओं, कंदराओं, शिलाश्रयों की चित्रकला) (३०,००० ई० पू० से ५० ई० तक) चित्रकला का उद्गम … - राजस्थानी चित्र शैली की विशेषतायें | Rajasthani Painting Style
राजस्थान एक वृहद क्षेत्र है जो “अवोड ऑफ प्रिंसेज” माना जाता है इसके पश्चिम में बीकानेर, दक्षिण … - टीजीटी / पीजीटी कला से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न | Important questions related to TGT/PGT Arts
सांझी कला किस पर की जाती है ? उत्तर: (B) भूमि पर ‘चाँद को देखकर … - रेखा क्या है | रेखा की परिभाषारखा वो बिन्दुओं या दो सीमाओं के बीच की दूरी है, जो बहुत सूक्ष्म होती है और गति की दिशा निर्देश करती है लेकिन कलापक्ष के अन्तर्गत रेखा का प्रतीकात्मक महत्व है और यह रूप की अभिव्यक्ति व प्रवाह को अंकित करती है।
- बसोहली की चित्रकलाबसोहली की स्थिति बसोहली राज्य के अन्तर्गत ७४ ग्राम थे जो आज जसरौटा जिले की …
- अभिव्यंजनावाद | भारतीय अभिव्यंजनावाद | Indian Expressionismयूरोप में बीसवीं शती का एक प्रमुख कला आन्दोलन “अभिव्यंजनावाद” के रूप में 1905-06 के …
- तंजौर शैलीतंजोर के चित्रकारों की शाखा के विषय में ऐसा अनुमान किया जाता है कि यहाँ …
- मैसूर शैलीदक्षिण के एक दूसरे हिन्दू राज्य मैसूर में एक मित्र प्रकार की कला शैली का …
- पटना शैलीउथल-पुथल के इस अनिश्चित वातावरण में दिल्ली से कुछ मुगल शैली के चित्रकारों के परिवार …
- कलकत्ता ग्रुप
1940 के लगभग से कलकत्ता में भी पश्चिम से प्रभावित नवीन प्रवृत्तियों का उद्भव हुआ … - Gopal Ghosh Biography | गोपाल घोष (1913-1980)
आधुनिक भारतीय कलाकारों में रोमाण्टिक के रूप में प्रतिष्ठित कलाकार गोपाल घोष का जन्म 1913 … - आधुनिक भारतीय चित्रकला की पृष्ठभूमि | Aadhunik Bharatiya Chitrakala Ki Prshthabhoomi
आधुनिक भारतीय चित्रकला का इतिहास एक उलझनपूर्ण किन्तु विकासशील कला का इतिहास है। इसके आरम्भिक सूत्र इस देश … - काँच पर चित्रण | Glass Paintingअठारहवीं शती उत्तरार्द्ध में पूर्वी देशों की कला में अनेक पश्चिमी प्रभाव आये। यूरोपवासी समुद्री …
- पट चित्रकला | पटुआ कला क्या हैलोककला के दो रूप है, एक प्रतिदिन के प्रयोग से सम्बन्धित और दूसरा उत्सवों से सम्बन्धित पहले में सरलता है; दूसरे में आलंकारिकता दिखाया तथा शास्त्रीय नियमों के अनुकरण की प्रवृति है। पटुआ कला प्रथम प्रकार की है।
- कम्पनी शैली | पटना शैली | Compony School Paintingsअठारहवी शती के मुगल शैली के चित्रकारों पर उपरोक्त ब्रिटिश चित्रकारों की कला का बहुत …
- बंगाल का आरम्भिक तैल चित्रण | Early Oil Painting in Bengal
अठारहवीं शती में बंगाल में जो तैल चित्रण हुआ उसे “डच बंगाल शैली” कहा जाता … - कला के क्षेत्र में किये जाने वाले सरकारी प्रयास | Government efforts made by the British in the field of art
सन् 1857 की क्रान्ति के असफल हो जाने से अंग्रेजों की शक्ति बढ़ गयी और … - अवनीन्द्रनाथ ठाकुरआधुनिक भारतीय चित्रकला आन्दोलन के प्रथम वैतालिक श्री अवनीन्द्रनाथ ठाकुर का जन्म जोडासको नामक स्थान …
- ठाकुर परिवार | ठाकुर शैली1857 की असफल क्रान्ति के पश्चात् अंग्रेजों ने भारत में हर प्रकार से अपने शासन …
- असित कुमार हाल्दार | Asit Kumar Haldar
श्री असित कुमार हाल्दार में काव्य तथा चित्रकारी दोनों ललित कलाओं का सुन्दर संयोग मिलता … - क्षितीन्द्रनाथ मजुमदार के चित्र | Paintings of Kshitindranath Majumdar
1. गंगा का जन्म (शिव)- (कागज, 12 x 18 इंच ) 2. मीराबाई की मृत्यु … - क्षितीन्द्रनाथ मजुमदार | Kshitindranath Majumdar
क्षितीन्द्रनाथ मजूमदार का जन्म 1891 ई० में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में निमतीता नामक … - देवी प्रसाद राय चौधरी | Devi Prasad Raychaudhari
देवी प्रसाद रायचौधुरी का जन्म 1899 ई० में पू० बंगाल (वर्तमान बांग्लादेश) में रंगपुर जिले … - अब्दुर्रहमान चुगताई (1897-1975) वंश परम्परा से ईरानी और जन्म से भारतीय श्री मुहम्मद अब्दुर्रहमान चुगताई अवनीन्द्रनाथ ठाकुर के …
- हेमन्त मिश्र (1917)
असम के चित्रकार हेमन्त मिश्र एक मौन साधक हैं। वे कम बोलते हैं। वेश-भूषा से … - विनोद बिहारी मुखर्जी | Vinod Bihari Mukherjee Biographyमुखर्जी महाशय (1904-1980) का जन्म बंगाल में बहेला नामक स्थान पर हुआ था। आपकी आरम्भिक …
- के० वेंकटप्पा | K. Venkatappaआप अवनीन्द्रनाथ ठाकुर के आरम्भिक शिष्यों में से थे। आपके पूर्वज विजयनगर के दरबारी चित्रकार …
- शारदाचरण उकील | Sharadacharan Ukilश्री उकील का जन्म बिक्रमपुर (अब बांगला देश) में हुआ था। आप अवनीन्द्रनाथ ठाकुर के …
- मिश्रित यूरोपीय पद्धति के राजस्थानी चित्रकार | Rajasthani Painters of Mixed European Styleइस समय यूरोपीय कला से राजस्थान भी प्रभावित हुआ। 1851 में विलियम कारपेण्टर तथा 1855 में एफ०सी० …
- रामकिंकर वैज | Ramkinkar Vaijशान्तिनिकेतन में “किकर दा” के नाम से प्रसिद्ध रामकिंकर का जन्म बांकुड़ा के निकट जुग्गीपाड़ा …
- कनु देसाई | Kanu Desai(1907) गुजरात के विख्यात कलाकार कनु देसाई का जन्म – 1907 ई० में हुआ था। …
- नीरद मजूमदार | Nirad Majumdaar
नीरद (अथवा बंगला उच्चारण में नीरोद) को नीरद (1916-1982) चौधरी के नाम से भी लोग … - मनीषी दे | Manishi Deदे जन्मजात चित्रकार थे। एक कलात्मक परिवार में उनका जन्म हुआ था। मनीषी दे का …
- सुधीर रंजन खास्तगीर | Sudhir Ranjan Khastgirसुधीर रंजन खास्तगीर का जन्म 24 सितम्बर 1907 को कलकत्ता में हुआ था। उनके पिता …
- ललित मोहन सेन | Lalit Mohan Senललित मोहन सेन का जन्म 1898 में पश्चिमी बंगाल के नादिया जिले के शान्तिपुर नगर …
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श्री अवनीन्द्रनाथ ठाकुर की शिष्य मण्डली के प्रमुख साधक नन्दलाल बसु थे ये कलाकार और … - रणबीर सिंह बिष्ट | Ranbir Singh Bishtरणबीर सिंह बिष्ट का जन्म लैंसडाउन (गढ़बाल, उ० प्र०) में 1928 ई० में हुआ था। …
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- रथीन मित्रा (1926)
रथीन मित्रा का जन्म हावड़ा में 26 जुलाई को 1926 में हुआ था। उनकी कला-शिक्षा … - मध्यकालीन भारत में चित्रकला | Painting in Medieval India
दिल्ली में सल्तनत काल की अवधि के दौरान शाही महलों, शयनकक्षों और मसजिदों से भित्ति … - रमेश बाबू कन्नेकांति की पेंटिंग | Eternal Love By Ramesh Babu Kannekanti
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कलकत्ता की तुलना में बम्बई नया शहर है किन्तु उसका विकास बहुत अधिक और शीघ्रता … - आधुनिक काल में चित्रकला
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गणेश के हाथी के सिर ने उन्हें पहचानने में आसान बना दिया है। भले ही … - सतीश गुजराल | Satish Gujral Biography
सतीश गुजराल का जन्म पंजाब में झेलम नामक स्थान पर 1925 ई० में हुआ था। … - पटना चित्रकला | पटना या कम्पनी शैली | Patna School of Painting
औरंगजेब द्वारा राजदरबार से कला के विस्थापन तथा मुगलों के पतन के बाद विभिन्न कलाकारों ने … - रमेश बाबू कन्नेकांति | Painting – Tranquility & harmony By Ramesh Babu Kannekantiयह कला पहाड़ी कलाकृतियों की 18वीं शताब्दी की शैली से प्रेरित है। इस आनंदमय दृश्य …
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- कालीघाट चित्रकारी | Kalighat Painting
कालीघाट चित्रकला का नाम इसके मूल स्थान कोलकाता में कालीघाट के नाम पर पड़ा है। कालीघाट … - प्राचीन काल में चित्रकला में प्रयुक्त सामग्री | Material Used in Ancient Art
विभिन्न प्रकार के चित्रों में विभिन्न सामग्रियों का उपयोग किया जाता था। साहित्यिक स्रोतों में … - डेनियल चित्रकार | टामस डेनियल तथा विलियम डेनियल | Thomas Daniels and William Danielsटामस तथा विलियम डेनियल भारत में 1785 से 1794 के मध्य रहे थे। उन्होंने कलकत्ता …
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मिथिला चित्रकला, जिसे मधुबनी लोक कला के रूप में भी जाना जाता है. बिहार के मिथिला क्षेत्र की … - भारतीय चित्रकला | Indian Art
परिचय टेराकोटा पर या इमारतों, घरों, बाजारों और संग्रहालयों की दीवारों पर आपको कई पेंटिंग, … - भारत में विदेशी चित्रकार | Foreign Painters in Indiaआधुनिक भारतीय चित्रकला के विकास के आरम्भ में उन विदेशी चित्रकारों का महत्वपूर्ण योग रहा …
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भारतीयों की कलात्मक अभिव्यक्ति केवल कैनवास या कागज पर चित्रकारी करने तक ही सीमित नहीं … - बी. प्रभा
नागपुर में जन्मी बी० प्रभा (1933 ) को बचपन से ही चित्र- रचना का शौक था। … - दत्तात्रेय दामोदर देवलालीकर | Dattatreya Damodar Devlalikar Biographyअपने आरम्भिक जीवन में “दत्तू भैया” के नाम से लोकप्रिय श्री देवलालीकर का जन्म 1894 …
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शैलोज मुखर्जी का जन्म 2 नवम्बर 1907 दन को कलकत्ता में हुआ था। उनकी कला … - नारायण श्रीधर बेन्द्रे | Narayan Shridhar Bendre
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रवि वर्मा का जन्म केरल के किलिमन्नूर ग्राम में अप्रैल सन् 1848 ई० में हुआ … - के०सी० एस० पणिक्कर | K.C.S.Panikkar
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भूपेन खक्खर का जन्म 10 मार्च 1934 को बम्बई में हुआ था। उनकी माँ के … - बम्बई आर्ट सोसाइटी | Bombay Art Societyभारत में पश्चिमी कला के प्रोत्साहन के लिए अंग्रेजों ने बम्बई में सन् 1888 ई० …
- परमजीत सिंह | Paramjit Singh
परमजीत सिंह का जन्म 23 फरवरी 1935 अमृतसर में हुआ था। आरम्भिक शिक्षा के उपरान्त … - अनुपम सूद | Anupam Sood
अनुपम सूद का जन्म होशियारपुर में 1944 में हुआ था। उन्होंने कालेज आफ आर्ट दिल्ली … - देवकी नन्दन शर्मा | Devki Nandan Sharma
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