अरूपदास | Arupadas

admin

Updated on:

अरूपदास का जन्म चिनसुराह में 5 जुलाई 1927 को हुआ था और बचपन इसी सुन्दर कस्बे में व्यतीत हुआ जिसका प्रभाव उनकी कला में निरन्तर बना रहा। उनकी माता एक कुशल कलाकार थीं। 1945 में गवर्नमेण्ट स्कूल ऑफ आर्ट कलकत्ता में उन्होंने प्रवेश लिया। उन्होंने ‘श्रीमती’ नामक एक ठाकुर महिला के संग्रह के चित्रों से पर्याप्त प्रेरणा ली।

आरम्भ में उन्होंने ग्रामीण दृश्य अंकित किये, बॉस के झुरमुट, खजूर के झुड, ग्रामीण झोपडियों, आस-पास फैली हरीतिमा, ग्रामीण लोगों का सरल दैनिक जीवन, धान की खेती, ग्रामीण स्त्रियों के कार्य-कलाप आदि इन आरम्भिक चित्रों में ही उनकी प्रतिभा स्पष्ट होने लगी थी जिनमें भारतीय तथा जापानीविधि से भित्ति-अलंकरण के पैटर्न चित्रित किए गये थे कोमल रंग, शान्त वातावरण, प्राकृतिक ताजगी, संगीतात्मकता, गतिशील नाटकीय स्थितियों आदि का इन्होंने परम्परा प्रेरित किन्तु अपने ढंग से चित्रण का प्रयत्न किया।

इसके पश्चात् वे नये-नये प्रयोग करते गये। आधुनिक कला तथा लोक शैलियों सभी से उन्होनें प्रेरणा ली और यामिनीराय, शीला ओडेन आदि की भाँति कोमल, सुखद, भावात्मक, आलंकारिक शास्त्रीय पैटर्न को लोक कला के ओजपूर्ण रंगों, तथा सपाटेदार रेखाओं के साँचे में ढाला। इससे उनकी कला में और अधिक निखार आ गया।

1949 से अरूपदास खूब काम करनेलगे और अनेक शैलियों में आलंकारिक कृतियों की रचना की। उन्होनें धरातलों के विभिन्न प्रभावों तथा डिजाइन को सोच समझ कर चित्र पर वितरित किया। कुंज में संगीत तथा प्रकृति में रोमान्स इसके अच्छे उदाहरण हैं। क्राइस्ट आदि के चित्र उनके भित्ति चित्रों के आलंकारिक पेनल हैं। इन पर अजन्ता का भी प्रभाव है।

चित्र प्रदर्शनियों में उन्हें अनेक पुरस्कार मिले हैं। 1950 में हैण्डलूम डिजाइन प्रतियोगिता पुरस्कार, 1953 में ग्रामीण जीवन का राष्ट्रीय आधुनिक कला वीथी द्वारा क्रय किया जाना, 1961 में नदी किनारे स्त्रियों पर राष्ट्रपति का रजत पदक, 1958 में हैदराबाद में स्वर्ण पदक, 1955 में ईसा” को ललित कला अकादमी द्वारा सर्वश्रेष्ठ भित्ति चित्र घोषित किया जाना आदि उन्हें प्रदत्त कुछ सम्पन हैं।

उनके कार्य पर प्रभाववाद, धनवाद, अमूर्तबाद, अभिव्यंजनावाद तथा अतियथार्थवाद के प्रभाव देखे जा सकते हैं किन्तु वे उन्हें पृष्ठ-भूमि तथा भारतीय आलंकारिक शैली में ढाल देते हैं। धनवाद की भाँति वे बहु-आयामी परिप्रेक्ष्य का प्रयोग करते हैं। 

उनकी कला में प्रतीकता भी अमूर्त पद्धति से व्यजित हुई है। उनकी मानवाकृतियाँ तथा पशु आदि भावों से अनुप्राणित हैं। दृश्य-चित्रों में वे केक्टस, चटटानें तथा घर एक धुँधले स्वप्न के समान पीताभा से युक्त एवं आकर्षक बनाते हैं और उनमें प्रतीकात्मक मानव आकृतियाँ अंकित करते हैं।

वे अनावृताओं के चित्रों में उभारों को विशेष प्रकार से बनाते हैं और उनमें किंचित् कोमलता का आभास देते हैं। ये बड़े लुभावने और आकर्षक लगते हैं। उनके चित्र राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय नई दिल्ली तथा आधुनिक कला संग्रहालय पंजाब में स्थायी रूप से देखे जा सकते हैं।

READ MORE:

  • हेमन्त मिश्र (1917)
    असम के चित्रकार हेमन्त मिश्र एक मौन साधक हैं। वे कम बोलते हैं। वेश-भूषा से क्रान्तिकारी लगते है अपने रेखा-चित्रों में वे अपने मन की बेचैनी … Read more
  • सोमालाल शाह | Somalal Shah
    आप भी गुजरात के एक प्रसिद्ध चित्रकार हैं आरम्भ में घर पर कला का अभ्यास करके आपने श्री रावल की प्रेरणा से बम्बई के सर जे० … Read more
  • सुरिन्दर के० भारद्वाज | Surinder K. Bhardwaj
    भारद्वाज का जन्म लाहौर में 20 अप्रैल 1938 को हुआ था। 1947 में भारत विभाजन के कारण उन्हें लाहौर छोड़ना पड़ा। कला में अभिरूचि होने के … Read more
  • सुधीर रंजन खास्तगीर | Sudhir Ranjan Khastgir
    सुधीर रंजन खास्तगीर का जन्म 24 सितम्बर 1907 को कलकत्ता में हुआ था। उनके पिता श्री सत्यरंजन खास्तगीर छत्ताग्राम (आधुनिक चटगाँव) के निवासी थे और कलकत्ता … Read more
  • सिंधु घाटी सभ्यता का इतिहास,प्रमुख नगर,वास्तुकला,चित्र कला,मोहरें और प्रतिमाएं | History of Indus Valley Civilization, Major Cities, Architecture, Paintings, Seals and Statues
    हड़प्पा व मोहनजोदड़ो की कला पाषाण युगीन सहस्त्रों वर्षों के पश्चात् की प्राचीनतम संस्कृतियाँ सिन्धु घाटी में मोहनजोदड़ो व हडप्पा के प्राचीन खण्डहरों से ही प्राप्त … Read more
  • संस्कृति तथा कला
    किसी भी देश की संस्कृति उसकी आध्यात्मिक, वैज्ञानिक तथा कलात्मक उपलब्धियों की प्रतीक होती है। यह संस्कृति उस सम्पूर्ण देश के मानसिक विकास को सूचित करती … Read more
  • सतीश गुजराल | Satish Gujral Biography
    सतीश गुजराल का जन्म पंजाब में झेलम नामक स्थान पर 1925 ई० में हुआ था। केवल दस वर्ष की आयु में ही उनकी श्रवण शक्ति समाप्त … Read more
  • सजावटी चित्रकला | Decorative Arts
    भारतीयों की कलात्मक अभिव्यक्ति केवल कैनवास या कागज पर चित्रकारी करने तक ही सीमित नहीं है। घरों की दीवारों पर सजावटी चित्रकारी ग्रामीण इलाकों में एक … Read more
  • श्यावक्स चावड़ा | Shiavax Chavda
    श्यावक्स चावड़ा का जन्म दक्षिणी गुजरात के नवसारी करने में 18 जून 1914 को गुजराती भाष-भाषी पारसी परिवार में हुआ था। उनकी आरम्भिक शिक्षा गुजरात में … Read more
  • शैलोज मुखर्जी
    शैलोज मुखर्जी का जन्म 2 नवम्बर 1907 दन को कलकत्ता में हुआ था। उनकी कला चेतना बचपन से ही मुखर हो उठी थी और बर्दवान के … Read more
  • शारदाचरण उकील | Sharadacharan Ukil
    श्री उकील का जन्म बिक्रमपुर (अब बांगला देश) में हुआ था। आप अवनीन्द्रनाथ ठाकुर के प्रमुख शिष्यों में से थे। उकील का परिवार बंगाल का एक … Read more
  • शान्ति दवे | Shanti Dave
    शान्ति दवे का जन्म अहमदाबाद में 1931 में हुआ था। वे बड़ौदा विश्वविद्यालय के 1956 के प्रथम बैच के छात्र हैं। उनका आरम्भिक कार्य लघु चित्रों … Read more
  • विवान सुन्दरम् | Vivan Sundaram
    विवानसुन्दरम् का जन्म शिमला में हुआ था। अमृता शेरगिल इनकी मौसी थीं जो इनके जन्म से दो वर्ष पूर्व ही मर चुकी थीं। विवान का बचपन … Read more
  • विमल दास गुप्ता | Vimal Das Gupta
    श्री दासगुप्ता का जन्म 28 दिसम्बर 1917 को बंगाल में हुआ था। आपका बचपन आपके ताऊजी के पास बरहमपुर (ब्रह्मपुर) गांव में व्यतीत हुआ । वहाँ … Read more
  • विनोद बिहारी मुखर्जी | Vinod Bihari Mukherjee Biography
    मुखर्जी महाशय (1904-1980) का जन्म बंगाल में बहेला नामक स्थान पर हुआ था। आपकी आरम्भिक शिक्षा स्थानीय पाठशाला में हुई और अस्वस्थता के कारण आपके अध्ययन … Read more
  • विकास भट्टाचार्जी | Vikas Bhattacharjee
    विकास का जन्म कलकत्ता में 21 जून 1940 को हुआ था। आरम्भिक शिक्षा के बाद कला के अध्ययन के लिये कलकत्ता के इण्डियन कालेज आफ आर्ट्स … Read more
  • ललित मोहन सेन | Lalit Mohan Sen
    ललित मोहन सेन का जन्म 1898 में पश्चिमी बंगाल के नादिया जिले के शान्तिपुर नगर में हुआ था ग्यारह वर्ष की आयु में वे लखनऊ आये … Read more
  • लक्ष्मा गौड | Laxma Gaud
    लक्ष्मा गौड का जन्म निजामपुर (आन्ध्रप्रदेश) हुआ था। बचपन में आंध्र प्रदेश के ग्रामीण जीवन का जो प्रभाव उन पर पड़ा वह में उनकी कला की … Read more
  • लक्ष्मण पै
    लक्ष्मण पै का जन्म (1926 )  गोवा के एक सारस्वत ब्राह्मण परिवार में हुआ था। गोवा की हरित भूमि और आनन्द प्रिय लोगों का उनके आरम्भिक … Read more
  • रेखा क्या है | रेखा की परिभाषा
    रखा वो बिन्दुओं या दो सीमाओं के बीच की दूरी है, जो बहुत सूक्ष्म होती है और गति की दिशा निर्देश करती है लेकिन कलापक्ष के अन्तर्गत रेखा का प्रतीकात्मक महत्व है और यह रूप की अभिव्यक्ति व प्रवाह को अंकित करती है।
  • रामगोपाल विजयवर्गीय | Ramgopal Vijayvargiya
    पदमश्री रामगोपाल विजयवर्गीय जी का जन्म बालेर ( जिला सवाई माधोपुर) में सन् 1905 में हुआ था। आप महाराजा स्कूल आफ आर्ट जयपुर में श्री शैलेन्द्रनाथ … Read more
  • रामकिंकर वैज | Ramkinkar Vaij
    शान्तिनिकेतन में “किकर दा” के नाम से प्रसिद्ध रामकिंकर का जन्म बांकुड़ा के निकट जुग्गीपाड़ा में हुआ था। बाँकुडा में उनकी आरम्भिक शिक्षा हुई।  सन् 1925 … Read more
  • राजस्थानी चित्र शैली की विशेषतायें  | Rajasthani Painting Style
    राजस्थान एक वृहद क्षेत्र है जो “अवोड ऑफ प्रिंसेज” माना जाता है इसके पश्चिम में बीकानेर, दक्षिण में बूँदी, कोटा तथा उदयपुर उत्तर में जयपुर तथा मध्य में … Read more
  • राजस्थानी चित्र शैली | राजस्थानी चित्र शैली के प्रमुख केंद्र | Rajasthani Schools of Painting | Major centers of Rajasthani painting style
    राजस्थानी शैली परिचय राजस्थान का एक वृहद क्षेत्र है जो ‘अवोड ऑफ प्रिंसेज’ (Abode of Princes) माना जाता है। इसमें पश्चिम में बीकानेर, दक्षिण में बूँदी, … Read more
  • रसिक डी० रावल | Rasik D. Rawal
    रसिक दुर्गाशंकर रावल का जन्म सौराष्ट्र में सारडोई में 21 अगस्त 1928 ई. को हुआ था। उनका शैशव साबरकांठा में बीता और कला की शिक्षा सर … Read more
  • रविशंकर रावल | Ravi Shankar Rawal
    आप गुजरात के प्रसिद्ध चित्रकार थे । आपने बम्बई में कला की शिक्षा ग्रहण की और वहां आप पर पाश्चात्य शैली का प्रभाव पड़ा। आगे चलकर … Read more
  • रवि वर्मा | Ravi Verma Biography
    रवि वर्मा का जन्म केरल के किलिमन्नूर ग्राम में अप्रैल सन् 1848 ई० में हुआ था। यह कोट्टायम से 24 मील दूर है। वे राजकीय वंश … Read more
  • रमेश बाबू कन्नेकांति की पेंटिंग | Eternal Love By Ramesh Babu Kannekanti
    शिव के चार हाथ शिव की कई शक्तियों को दर्शाते हैं। पिछले दाहिने हाथ में ढोल है, जो ब्रह्मांड के प्रकट होने पर आदिवासी ध्वनि का … Read more
  • रमेश बाबू कन्नेकांति | Painting – Tranquility & harmony By Ramesh Babu Kannekanti
    यह कला पहाड़ी कलाकृतियों की 18वीं शताब्दी की शैली से प्रेरित है। इस आनंदमय दृश्य में, पार्वती पति भगवान शिव को सुशोभित करने के लिए राक्षसों … Read more
  • रमेश बाबू कनेकांति | Painting – A stroke of luck By Ramesh Babu Kannekanti
    गणेश के हाथी के सिर ने उन्हें पहचानने में आसान बना दिया है। भले ही वह कई विशेषताओं से सम्मानित हैं, भगवान गणेश की व्यापक रूप … Read more
  • रथीन मित्रा (1926)
    रथीन मित्रा का जन्म हावड़ा में 26 जुलाई को 1926 में हुआ था। उनकी कला-शिक्षा कलकत्ता कला-विद्यालय में हुई । तत्पश्चात् वेदून स्कूल के कला-विभाग में … Read more
  • रणबीर सिंह बिष्ट | Ranbir Singh Bisht
    रणबीर सिंह बिष्ट का जन्म लैंसडाउन (गढ़बाल, उ० प्र०) में 1928 ई० में हुआ था। आरम्भिक शिक्षा गढ़वाल में ही प्राप्त करने के उपरान्त कला में … Read more
  • रंगास्वामी सारंगन् | Rangaswamy Sarangan
    रंगास्वामी सारंगन का जन्म 1929 में तंजौर में हुआ था। 1952 में उन्होंने मद्रास कला-विद्यालय से ललित कला तथा व्यावसायिक कला में डिप्लोमा प्राप्त किया।  सारंगन … Read more
  • यज्ञेश्वर शुक्ल | Yagyeshwar Shukla
    गुजरात के प्रसिद्ध चित्रकार श्री यज्ञेश्वर कल्याण जी शुक्ल (वाई० के० शुक्ल ) का जन्म सुदामापुरी ( पोरबन्दर, गुजरात) में हुआ था । बचपन से ही … Read more
  • मौर्य काल में मूर्तिकला और वास्तुकला का विकास ( 325 ई.पू. से 185 ई.पू.) | Development of sculpture and architecture in Maurya period
    मौर्यकालीन कला को उच्च स्तर पर ले जाने का श्रेय चन्द्रगुप्त के पौत्र सम्राट अशोक को जाता है। अशोक के समय से भारत में मूर्तिकला का स्वतन्त्र कला के रूप में विकास होता दिखाई देता है।
  • मोहन सामन्त | Mohan Samant
    मोहन सामन्त का जन्म 1926 में बम्बई में हुआ था। उनके घर वाले उन्हें इन्जीनियर बनाना चाहते थे। आरम्भ में उन्होंने वर्मा शैल आदि कम्पनियों में … Read more
  • मैसूर शैली
    दक्षिण के एक दूसरे हिन्दू राज्य मैसूर में एक मित्र प्रकार की कला शैली का विकास हुआ। उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में मैसूर की चित्रकला राजा … Read more
  • मेवाड़ चित्रशैली की विषय-वस्तु तथा विशेषतायें
    मेवाड़ शैली राजस्थान के अन्य क्षेत्रों के समान मेवाड़ भी अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रख्यात है। यहाँ के ऊँचे नीचे टीले, विशाल मैदान, सरोवर नदियाँ … Read more
  • मुगल शैली | मुग़ल काल में चित्रकला और वास्तुकला का विकास | Development of painting and architecture during the Mughal period
    मुगल चित्रकला को भारत की ही नहीं वरन् एशिया की कला में स्वतन्त्र और महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। यह शैली ईरान की कला परम्परा से उत्पन्न होकर भी ईरानी शैली नहीं रही। इस पर यूरोपीय तथा चीनी प्रभाव भी पड़े हैं। इस शैली पर भारतीय रंग योजनाओं तथा वातावरण का प्रभाव पड़ा है।
  • मिश्रित यूरोपीय पद्धति के राजस्थानी चित्रकार | Rajasthani Painters of Mixed European Style
    इस समय यूरोपीय कला से राजस्थान भी प्रभावित हुआ। 1851 में विलियम कारपेण्टर तथा 1855 में एफ०सी० लेविस ने राजस्थान को प्रभावित किया जिसके कारण छाया-प्रकाश युक्त यथार्थवादी व्यक्ति-चित्रण मेवाड … Read more
  • मिर्जापुर (उ०प्र०) एवं ‘मध्य-प्रदेश’ से प्राप्त शिलाचित्र | Inscriptions received from Mirzapur (U.P.) and ‘Madhya Pradesh’
    उत्तर प्रदेश से प्राप्त शिलाचित्र मिर्जापुर इलाहाबाद-मुगलसराय रेल पच पर मिर्जापुर मुख्यालय से करीब 20 किमी० दूर विध्य की कैमूर पर्वतमाला के भीतर सोन नदी की … Read more
  • मिथिला चित्रकला | मधुबनी कला  | Mithila Painting
    मिथिला चित्रकला, जिसे मधुबनी लोक कला के रूप में भी जाना जाता है. बिहार के मिथिला क्षेत्र की पारंपरिक कला है। यह गाँव की महिलाओं द्वारा निर्मित की जाती … Read more
  • माधव सातवलेकर | Madhav Satwalekar
    माधव सातवलेकर का जन्म 1915 ई० में हुआ था पश्चिमी यथार्थवादी एकेडेमिक पद्धति को भारतीय विषयों के अनुकूल चित्रण का माध्यम बनाने वाले चित्रकारों में श्री … Read more
  • मनीषी दे | Manishi De
    दे जन्मजात चित्रकार थे। एक कलात्मक परिवार में उनका जन्म हुआ था। मनीषी दे का पालन-पोषण रवीन्द्रनाथ ठाकुर की. देख-रेख में हुआ था। उनके बड़े भाई … Read more
  • मध्यकालीन भारत में चित्रकला | Painting in Medieval India
    दिल्ली में सल्तनत काल की अवधि के दौरान शाही महलों, शयनकक्षों और मसजिदों से भित्ति चित्रों के साक्ष्य मिले हैं। ये मुख्य रूप से फूलों, पत्तियों … Read more
  • भूपेन खक्खर | Bhupen Khakhar
    भूपेन खक्खर का जन्म 10 मार्च 1934 को बम्बई में हुआ था। उनकी माँ के परिवार में कपडे रंगने का काम होता था। पिता की बम्बई … Read more
  • भारतीय लघु चित्रकला की विभिन्न शैलियां | Different Styles of Indian Miniature Paintings
    भारतीय लघु चित्रकला जैन शैली पाल शैली (730-1197 ई०) अपभ्रंश शैली (1050-1550 ई०) (1) बड़ी और लम्बी आँखें तथा स्त्रियों की आँखों से कान तक गई … Read more
  • भारतीय चित्रकला में नई दिशाएँ
    लगभग 1905 से 1920 तक बंगाल शैली बड़े जोरों से पनपी देश भर में इसका प्रचार हुआ और इस कला-आन्दोलन को राष्ट्रीय कहा गया।  1920 के … Read more
  • भारतीय चित्रकला के छः अंग | Six Limbs Of Painting
    षडंग चित्रकार अपने निरंतर अभ्यास के द्वारा अपने भावों सम्वेदनाओं तथा अनुभवों के प्रकाशन हेतु एक प्रविधि को जन्म देता है। किसी भी आकृति की रचना … Read more
  • भारतीय चित्रकला की विशेषताएँ
    भारतीय चित्रकला तथा अन्य कलाएँ अन्य देशों की कलाओं से भिन्न हैं। भारतीय कलाओं की कुछ ऐसी महत्त्वपूर्ण विशेषताएँ हैं जो भारतीय-कलाओं को अन्य देशों की … Read more
  • भारतीय चित्रकला | Indian Art
    परिचय टेराकोटा पर या इमारतों, घरों, बाजारों और संग्रहालयों की दीवारों पर आपको कई पेंटिंग, बॉल हैंगिंग या चित्रकारी दिख जाएँगी। ये चित्र हमारे प्राचीन अतीत … Read more
  • भारतीय कला संस्कृति एवं सभ्यता
    कला संस्कृति का यह महत्त्वपूर्ण अंग है जो मानव मन को प्रांजल सुंदर तथा व्यवस्थित बनाती है। भारतीय कलाओं में धार्मिक तथा दार्शनिक मान्यताओं की अभिव्यक्ति … Read more
  • भारत में विदेशी चित्रकार | Foreign Painters in India
    आधुनिक भारतीय चित्रकला के विकास के आरम्भ में उन विदेशी चित्रकारों का महत्वपूर्ण योग रहा है जिन्होंने यूरोपीय प्रधानतः ब्रिटिश, कला शैली के प्रति भारतीय मानस … Read more
  • भाऊ समर्थ | Bhau Samarth
    भाऊ समर्थ का जन्म महाराष्ट्र में भण्डारा जिले के लाखनी नामक ग्राम में 14 मार्च 1928 को हुआ था। बचपन से ही उन्हें चित्रकला का बहुत … Read more
  • बीरेश्वर भट्टाचार्जी | Bireshwar Bhattacharjee
    श्री वीरेश्वर भट्टाचार्जी का जन्म ढाका (अब बांग्लादेश) में 25 जुलाई 1935 को हुआ था। आरम्भिक शिक्षा स्थानीय रूप से प्राप्त करने के पश्चात् तथा भारत-पाकिस्तान … Read more
  • बी. प्रभा
    नागपुर में जन्मी बी० प्रभा (1933 ) को बचपन से ही चित्र- रचना का शौक था। सोलह वर्ष की आयु में उन्होंने नागपुर के कला-विद्यालय में प्रवेश … Read more
  • बसोहली की चित्रकला
    बसोहली की स्थिति बसोहली राज्य के अन्तर्गत ७४ ग्राम थे जो आज जसरौटा जिले की बसोहली तहसील के अन्तर्गत आते हैं। जसरीटा जिला जम्मू की सीमा … Read more
  • बम्बई आर्ट सोसाइटी | Bombay Art Society
    भारत में पश्चिमी कला के प्रोत्साहन के लिए अंग्रेजों ने बम्बई में सन् 1888 ई० में एक आर्ट सोसाइटी की स्थापना की। श्री फोरेस्ट इसके संस्थापक … Read more
  • बंगाल स्कूल | भारतीय पुनरुत्थान कालीन कला और उसके प्रमुख चित्रकार | Indian Renaissance Art and its Main Painters
    बंगाल में पुनरुत्थान 19 वीं शती के अन्त में अंग्रजों ने भारतीय जनता को उसकी सास्कृतिक विरासत से विमुख करके अंग्रेजी सभ्यता सिखाने की चेष्टा की … Read more
  • बंगाल का आरम्भिक तैल चित्रण | Early Oil Painting in Bengal
    अठारहवीं शती में बंगाल में जो तैल चित्रण हुआ उसे “डच बंगाल शैली” कहा जाता है। इससे स्पष्ट है कि यह माध् यम डच कलाकारों से … Read more
  • प्राचीन काल में चित्रकला में प्रयुक्त सामग्री | Material Used in Ancient Art
    विभिन्न प्रकार के चित्रों में विभिन्न सामग्रियों का उपयोग किया जाता था। साहित्यिक स्रोतों में चित्रशालाओं (आर्ट गैलरी) और शिल्पशास्त्र (कला पर तकनीकी ग्रंथ) का उल्लेख … Read more
  • प्रागैतिहासिक कालीन भारतीय मूर्तिकला और वास्तुकला का इतिहास | History of Prehistoric Indian Sculpture and Architecture
    प्रागैतिहासिक काल (लगभग 3000 ईसा पूर्व से 1500 ईसा पूर्व) पृष्ठभूमि भारतीय मूर्तिकला और वास्तुकला का इतिहास बहुत प्राचीन है, जो मानव सभ्यता के विकास से … Read more
  • प्रगतिशील कलाकार दल | Progressive Artist Group
    कलकत्ता की तुलना में बम्बई नया शहर है किन्तु उसका विकास बहुत अधिक और शीघ्रता से हुआ है। 1911 में अंग्रेजों ने भारत की राजधानी कलकत्ता … Read more
  • पी० टी० रेड्डी | P. T. Reddy
    पाकल तिरूमल रेड्डी का जन्म हैदराबाद (दक्षिण) से लगभग 108 मील दूर अन्नारम ग्राम में 15 जनवरी 1915 को हुआ था। बारह वर्ष की आयु में … Read more
  • पाल शैली | पाल चित्रकला शैली क्या है?
    नेपाल की चित्रकला में पहले तो पश्चिम भारत की शैली का प्रभाव बना रहा और बाद में उसका स्थान इस नव-निर्मित पूर्वीय शैली ने ले लिया नवम् शताब्दी में जिस नयी शैली का आविर्भाव हुआ था उसके प्रायः सभी चित्रों का सम्बन्ध पाल वंशीय राजाओं से था। अतः इसको पाल शैली के नाम से अभिहित करना अधिक उपयुक्त समझा गया।”
  • पहाड़ी शैली और उसकी विशेषताएं
    परिचय 17 शताब्दी के अन्तिम चतुर्थांश में पहाड़ी राजकुमार मुगलों के आश्रित थे जो कि मुगलों के दरबार में रहकर शासको की युद्ध को गतिविधियों में … Read more
  • परमानन्द चोयल | Parmanand Choyal
    श्री परमानन्द चोयल का जन्म 5 जनवरी 1924 को कोटा (राजस्थान) में हुआ था। प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त करने के उपरान्त कला में अभिरूचि होने के कारण … Read more
  • परमजीत सिंह | Paramjit Singh
    परमजीत सिंह का जन्म 23 फरवरी 1935 अमृतसर में हुआ था। आरम्भिक शिक्षा के उपरान्त वे दिल्ली पॉलीटेक्नीक के कला को विभाग में प्रविष्ट हुए जहाँ … Read more
  • पटना शैली
    उथल-पुथल के इस अनिश्चित वातावरण में दिल्ली से कुछ मुगल शैली के चित्रकारों के परिवार आश्रय की खोज में भटकते हुए पटना (बिहार) तथा कलकत्ता (बंगाल) … Read more
  • पटना चित्रकला | पटना या कम्पनी शैली | Patna School of Painting
    औरंगजेब द्वारा राजदरबार से कला के विस्थापन तथा मुगलों के पतन के बाद विभिन्न कलाकारों ने क्षेत्रीय नवाबों के यहाँ आश्रय लिया। इनमें से कुछ कलाकारों ने … Read more
  • पट चित्रकला | पटुआ कला क्या है
    लोककला के दो रूप है, एक प्रतिदिन के प्रयोग से सम्बन्धित और दूसरा उत्सवों से सम्बन्धित पहले में सरलता है; दूसरे में आलंकारिकता दिखाया तथा शास्त्रीय नियमों के अनुकरण की प्रवृति है। पटुआ कला प्रथम प्रकार की है।
  • नीरद मजूमदार | Nirad Majumdaar
    नीरद (अथवा बंगला उच्चारण में नीरोद) को नीरद (1916-1982) चौधरी के नाम से भी लोग जानते हैं। उनकी कला में प्राचीन भारतीय विचारधारा तथा देवी-देवताओं की … Read more
  • निकोलस रोरिक | Nicholas Roerich
    सुदूर के देशों से आकर भारतीय प्रकृति, दर्शन और संस्कृति से प्रभावित होकर यहीं पर बस जाने वाले महापुरूषों में रूसी कलाकार निकोलस रोरिक का नाम … Read more
  • नारायण श्रीधर बेन्द्रे | Narayan Shridhar Bendre
    बेन्द्रे का जन्म 21 अगस्त 1910 को एक महाराष्ट्रीय मध्यवर्गीय ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पूर्वज पूना में रहते थे। पितामह पूना छोड़ कर इन्दौर … Read more
  • नन्दलाल बसु | Nandlal Basu
    श्री अवनीन्द्रनाथ ठाकुर की शिष्य मण्डली के प्रमुख साधक नन्दलाल बसु थे ये कलाकार और विचारक दोनों थे। उनके व्यक्तित्व में कलाकार और तपस्वी का अद्भुत … Read more
  • देवी प्रसाद राय चौधरी | Devi Prasad Raychaudhari
    देवी प्रसाद रायचौधुरी का जन्म 1899 ई० में पू० बंगाल (वर्तमान बांग्लादेश) में रंगपुर जिले के ताजहाट नामक ग्राम में एक जमीदार परिवार में हुआ था।  … Read more
  • देवकृष्ण जटाशंकर जोशी | Devkrishna Jatashankar Joshi
    श्री डी०जे० जोशी का जन्म 7 जुलाई 1911 ई० को महेश्वर में एक ब्राह्मण ज्योतिषी परिवार में हुआ था जो पण्ड्या कहे जाते थे। श्री जोशी … Read more
  • देवकी नन्दन शर्मा | Devki Nandan Sharma
    प्राचीन जयपुर रियासत के राज-कवि के पुत्र श्री देवकी नन्दन शर्मा का जन्म 17 अप्रैल 1917 को अलवर में हुआ था । 1936 में आपने महाराजा … Read more
  • दत्तात्रेय दामोदर देवलालीकर | Dattatreya Damodar Devlalikar Biography
    अपने आरम्भिक जीवन में “दत्तू भैया” के नाम से लोकप्रिय श्री देवलालीकर का जन्म 1894 ई० में हुआ था। वे जीवन भर कला की साधना में … Read more
  • दक्षिणात्य शैली | दक्षिणी शैली | दक्खिनी चित्र शैली | दक्कन चित्रकला | Deccan Painting Style
    दक्खिनी चित्र शैली: परिचय भारतीय चित्रकला के इतिहास की सुदीर्घ परम्परा एक लम्बे समय से दिखाई देती है। इसके प्रमाणिक उदाहरण गुफा चित्रों में प्रारम्भ होते … Read more
  • तैयब मेहता
    तैयब मेहता का जन्म 1926 में गुजरात में कपाडवंज नामक गाँव में हुआ था। कला की उच्च शिक्षा उन्होंने 1947 से 1952 तक सर जे० जे० … Read more
  • तंजौर शैली
    तंजोर के चित्रकारों की शाखा के विषय में ऐसा अनुमान किया जाता है कि यहाँ चित्रकार राजस्थानी राज्यों से आये इन चित्रकारों को राजा सारभोजी ने … Read more
  • डेनियल चित्रकार  | टामस डेनियल तथा विलियम डेनियल | Thomas Daniels and William Daniels
    टामस तथा विलियम डेनियल भारत में 1785 से 1794 के मध्य रहे थे। उन्होंने कलकत्ता के शहरी दृश्य, ग्रामीण शिक्षक, धार्मिक उत्सव, नदियाँ, झरने तथा प्राचीन … Read more
  • ठाकुर परिवार | ठाकुर शैली
    1857 की असफल क्रान्ति के पश्चात् अंग्रेजों ने भारत में हर प्रकार से अपने शासन को दृढ़ बनाने का प्रयत्न किया, किन्तु बीसवीं शती के आरम्भ … Read more
  • टीजीटी / पीजीटी कला से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न | Important questions related to TGT/PGT Arts
    सांझी कला किस पर की जाती है ? उत्तर: (B) भूमि पर ‘चाँद को देखकर भौंकता हुआ कुत्ता’ किस चित्रकार की कृति है ? उत्तर: (C) … Read more
  • जोगेन चौधरी | Jogen Chaudhary
    जोगेन चौधरी का जन्म पूर्वी बंगाल (अब बांग्लादेश) के फरीदपुर नामक गाँव में 19 फरवरी 1939 ई० को एक सम्पन्न परिवार में हुआ था। उनकी कला-सम्बन्धी … Read more
  • जे. सुल्तान अली | J. Sultan Ali
    जे० सुल्तान अली का जन्म बम्बई में . 12 सितम्बर 1920 को हुआ था। उन्होंने गवर्नमेण्ट कालेज ऑफ आर्ट्स एण्ड क्राफ्ट्स मद्रास से ललित कला में … Read more
  • जार्ज कीट | George Keet
    जार्ज कीट जन्म से सिंहली किन्तु सांस्कृतिक दृष्टि से भारतीय हैं । उनका जन्म श्रीलंका के केण्डी नामक स्थान पर 17 अप्रैल सन् 1901 को हुआ … Read more
  • जहाँगीर साबावाला | Jahangir Sabawala
     जहाँगीर साबावाला का जन्म बम्बई में 1922 ई० में हुआ था। आरम्भ में उन्होंने बम्बई विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया और 1936 से 41 तक वहाँ के … Read more
  • जहाँगीर कालीन चित्र शैली | जहाँगीर कालीन चित्र
    चित्रकला के जिस संस्थान का बीजारोपण अकबर ने किया था वास्तव में वह जहाँगीर (१६०५-१६२७ ईसवी राज्यकाल) के समय में पूर्ण यौवन और विकास को प्राप्त … Read more
  • जसवन्त सिंह | Jaswant Singh
    सिख चित्रकारों में जसवन्त सिंह एक सशक्त अतियथार्थवादी चित्रकार के रूप में विख्यात हुए हैं। उनके अग्रज शोभासिंह तथा ठाकुरसिंह प्रति-रूपात्मक आकृतिमूलक चित्रकार थे। जसवन्त सिंह … Read more
  • जगन्नाथ मुरलीधर अहिवासी | Jagannath Muralidhar Ahivasi
    श्री अहिवासी का जन्म 6 जुलाई 1901 को ब्रज भूमि में गोकुल के निकट बल्देव ग्राम में हुआ था। जब आप केवल चार वर्ष के थे … Read more
  • गुलाम रसूल सन्तोष | Ghulam Rasool Santosh
    गुलाम रसूल सन्तोष का जन्म श्रीनगर (कश्मीर) में 19 जून 1929 ई० को हुआ था। इनके पिता पुलिस विभाग में थे। इन्हें बचपन से ही चित्रकला … Read more
  • गुप्त कालीन कला
    गुप्तकाल (300 ई0-600 ई०) मौर्य सम्राट ने मगध को राज्य का केन्द्र बनाकर भारतीय इतिहास में जो गौरव प्रदान किया, गुप्तों ने उस परम्परा का पुनरूत्थान … Read more
  • गांधार शैली का विकास और इसकी विशेषताएँ
    गांधार शैली कुषाण काल में गान्धार एक ऐसा प्रदेश था जहां एशिया और यूरोप की कई सभ्यताएं एक-दूसरे से मिलती थीं। पूर्व में भारतीय और पश्चिम … Read more
  • गणेश पाइन | Ganesh Pyne
    गणेश पाइन का जन्म 19 जून 1937 को कलकत्ता में हुआ था। उन्होंने कलकत्ता कला महाविद्यालय से 1959 में ड्राइंग एण्ड पेण्टिंग में डिप्लोमा परीक्षा उत्तीर्ण … Read more
  • गगनेन्द्रनाथ ठाकुर
    गगनेंद्रनाथ टैगोर को भारत का सबसे अधिक साहसी और आधुनिक चित्रकार माना गया। विनय कुमार सरकार ने उनका सम्बन्ध भविष्यवाद से जोड़ा। किन्तु वास्तव में गगनेन्द्रनाथ ठाकुर पूर्ण रूप से घनवादी अथवा भविष्यवादी चित्रकार नहीं हैं। 
  • क्षितीन्द्रनाथ मजुमदार के चित्र | Paintings of Kshitindranath Majumdar
    1. गंगा का जन्म (शिव)- (कागज, 12 x 18 इंच ) 2. मीराबाई की मृत्यु – ( कागज, 12 x 18 इंच ) 3. बुद्ध और … Read more
  • क्षितीन्द्रनाथ मजुमदार | Kshitindranath Majumdar
    क्षितीन्द्रनाथ मजूमदार का जन्म 1891 ई० में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में निमतीता नामक स्थान पर हुआ था। उनके पिता श्री केदारनाथ मजूमदार जगताई में … Read more
  • के०सी० एस० पणिक्कर | K.C.S.Panikkar
    तमिलनाडु प्रदेश की कला काफी पिछड़ी हुई है। मन्दिरों से उसका अभिन्न सम्बन्ध होते हुए भी आधुनिक जीवन पर उसकी कोई छाप नहीं है। इसी प्रदेश … Read more

Leave a Comment