रसिक दुर्गाशंकर रावल का जन्म सौराष्ट्र में सारडोई में 21 अगस्त 1928 ई. को हुआ था। उनका शैशव साबरकांठा में बीता और कला की शिक्षा सर जे० जे० स्कूल ऑफ आर्ट बम्बई में हुई। उन्होंने भित्ति चित्रण में छात्रवृत्ति भी प्राप्त की ।
श्री रावल के चित्रों में रेखा लावण्य तथा परम्परागत कला की गीतिमय अनुभूति का काल्पनिक डिजाइनों एवं रंगों के साथ समन्वय हुआ है जो आधुनिक कला की विशेषताएँ हैं।
उनकी आरम्भिक कला पर लोक-संस्कृति का प्रभाव पडा अतः सौराष्ट्र की लोक अलंकरण शैली की झलक उनके चित्रों में रपष्ट मिलती है। सन् 1951 में अकित ग्वाले (Cowherds) नामक चित्र उस समय के प्रसिद्ध उदाहरणों में से एक है।
गहरे रंगों की आधुनिक योजना, अत्यन्त महीन और सशक्त प्रवाहपूर्ण रेखांकन, लोक शैली से प्रभावित अलंकृत रूप योजना तथा ग्रामीण विषय इस चित्र तथा इसी युग के अन्य चित्रों की विशेषताएँ हैं। इनमें रंग भरने के उपरान्त महीन श्वेत रेखा से आकृतियों के विवरणों तथा सीमाओं का अंकन किया गया है।
किन्तु इसके पश्चात् उन्होंने जो प्रयोग किये हैं उनसे उनकी अलग पहचान बन गयी है। आकृतियों का लम्बापन और उनमें अमूर्तता का समन्वय उन्हें भारत के अन्य समस्त कलाकारों से प्राचीन आदिम परम्परा की ओर ले जाता है। यह परम्परा ग्रामीण अंचल के लोक-कलाकारों से भी प्राचीन है और प्रागैतिहासिक युग से सम्बन्धित है।
अत्यन्त बारीक और प्राणवान् सीमा रेखाओं में आबद्ध उनकी सीधी खड़ी किन्तु सजीव आकृतियाँ शालीन किन्तु विकृतिपूर्ण हैं और कृत्रिम होते हुए भी शानदार हैं।
ये हमें गुहावासी मनुष्य की आदिम कला तक ले जाती हैं। इनमें जिस प्राकृतिक भव्यता और गुहावासी मनुष्य के जीवनका एक हल्का सा संकेत है, उसे अब पुनः सर्जित नहीं किया जा सकता, किन्तु रावल ने अपनी प्रेरणा वहीं से ली है।
उनकी यह विशेषता है कि इन रूपों में किसी की भी अनुकृति उन्होंने नहीं की है, न कोई उनका अनुकर्त्ता है। उनकी शैली पूर्णतः व्यक्तिगत और अकृत्रिम है।
इसके उपरान्त रावल मानवाकृति के स्थान पर कागज की कटी हुई आकृतियों के समान अत्यन्त सरल रूपाकारों पर आश्रित लम्बे आकार वाले पक्षियों तथा वनस्पति की आकृतियों, जिनकी सीमा रेखाएँ किसी अमूर्त भाव की ओर खींच ले जाती हैं, चित्रित करने लगे । उनकी एक खास पहचान बारीक श्वेत सीमा रेखा है जो उनके अधिकांश चित्रों में मिलती है।
उन्होंने बम्बई आर्ट सोसाइटी का पुरस्कार 1952 में प्राप्त किया था अपने चित्रों की प्रथम एकल प्रदर्शनी उन्होंने 1954 में आयोजित की। 1955 में उन्हें ललित कला अकादमी नई दिल्ली का राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुआ। तब से वे निरन्तर प्रदर्शनियों आयोजित कर रहे हैं और उन्हें अनेक पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।
आजकल वे अमूर्त शैली के समान चित्र बना रहे हैं। विदेशों में कनेक्टीकट में उन्होंने 1967 में अपने चित्रों की प्रदर्शनी की थी। उनका उल्लेख अनेक ग्रन्थों में हुआ है और उन्होंने कई अन्तर्राष्ट्रीय कलाकोषों के सम्पादन में सहयोग दिया है।
- हेमन्त मिश्र (1917)असम के चित्रकार हेमन्त मिश्र एक मौन साधक हैं। वे कम बोलते हैं। वेश-भूषा से क्रान्तिकारी लगते है अपने रेखा-चित्रों … Read more
- सोमालाल शाह | Somalal Shahआप भी गुजरात के एक प्रसिद्ध चित्रकार हैं आरम्भ में घर पर कला का अभ्यास करके आपने श्री रावल की … Read more
- सुरिन्दर के० भारद्वाज | Surinder K. Bhardwajभारद्वाज का जन्म लाहौर में 20 अप्रैल 1938 को हुआ था। 1947 में भारत विभाजन के कारण उन्हें लाहौर छोड़ना … Read more
- ‘काँगड़ा’ चित्र-शैली की विषयवस्तु तथा विशेषतायें ‘काँगड़ा’ चित्र-शैली का परिचय बाह्य रूप से समस्त पहाड़ी कला ‘काँगड़ा’ के नाम से अभिहित की जाती है जिसका कारण … Read more
- Cave painting | गुफ़ा चित्रगुहा चित्रण (जोगीमारा, अजन्ता, बाघ, बादामी, एलोरा, सित्तनवासल इत्यादि) जोगीमारा गुफाएँ अजंता गुफा अजन्ता गुफा की चित्रशैली अजन्ता की चित्रकला … Read more
- Dolorem quia eveniet quisquam accusamusSuscipit veniam qui et est aliquam autem Tempora rerum nihil dicta corrupti in nesciunt tenetur consectetur. Deserunt distinctio officiis sequi … Read more
- प्रागैतिहासिक कालीन भारतीय मूर्तिकला और वास्तुकला का इतिहास | History of Prehistoric Indian Sculpture and Architectureप्रागैतिहासिक काल (लगभग 3000 ईसा पूर्व से 1500 ईसा पूर्व) पृष्ठभूमि भारतीय मूर्तिकला और वास्तुकला का इतिहास बहुत प्राचीन है, … Read more
- सिंधु घाटी सभ्यता का इतिहास,प्रमुख नगर,वास्तुकला,चित्र कला,मोहरें और प्रतिमाएं | History of Indus Valley Civilization, Major Cities, Architecture, Paintings, Seals and Statuesहड़प्पा व मोहनजोदड़ो की कला पाषाण युगीन सहस्त्रों वर्षों के पश्चात् की प्राचीनतम संस्कृतियाँ सिन्धु घाटी में मोहनजोदड़ो व हडप्पा … Read more
- कला क्या है | कला का अर्थ, कला के प्रकार“जीवन के प्रत्येक अंगों को नियमित रूप से निर्मित करने को ही कला कहते हैं।” समय-समय पर कुछ विद्वानों ने अपने विचार कला की परिभाषा के प्रति व्यक्त किए हैं, कुछ जो निम्न है…
- गगनेन्द्रनाथ ठाकुरगगनेंद्रनाथ टैगोर को भारत का सबसे अधिक साहसी और आधुनिक चित्रकार माना गया। विनय कुमार सरकार ने उनका सम्बन्ध भविष्यवाद से जोड़ा। किन्तु वास्तव में गगनेन्द्रनाथ ठाकुर पूर्ण रूप से घनवादी अथवा भविष्यवादी चित्रकार नहीं हैं।
- Indian Woman Water Colour Painting FREE | Indian Woman Water Colour Digital Art Print FREEDownload Water color Art For Free
- सुरिन्दर के० भारद्वाज | Surinder K. Bhardwajभारद्वाज का जन्म लाहौर में 20 अप्रैल 1938 को हुआ था। 1947 में भारत विभाजन के कारण उन्हें लाहौर छोड़ना … Read more
- विवान सुन्दरम् | Vivan Sundaramविवानसुन्दरम् का जन्म शिमला में हुआ था। अमृता शेरगिल इनकी मौसी थीं जो इनके जन्म से दो वर्ष पूर्व ही … Read more
- रंगास्वामी सारंगन् | Rangaswamy Saranganरंगास्वामी सारंगन का जन्म 1929 में तंजौर में हुआ था। 1952 में उन्होंने मद्रास कला-विद्यालय से ललित कला तथा व्यावसायिक … Read more
- शान्ति दवे | Shanti Daveशान्ति दवे का जन्म अहमदाबाद में 1931 में हुआ था। वे बड़ौदा विश्वविद्यालय के 1956 के प्रथम बैच के छात्र … Read more
- गुलाम रसूल सन्तोष | Ghulam Rasool Santoshगुलाम रसूल सन्तोष का जन्म श्रीनगर (कश्मीर) में 19 जून 1929 ई० को हुआ था। इनके पिता पुलिस विभाग में … Read more
- मोहन सामन्त | Mohan Samantमोहन सामन्त का जन्म 1926 में बम्बई में हुआ था। उनके घर वाले उन्हें इन्जीनियर बनाना चाहते थे। आरम्भ में … Read more
- निकोलस रोरिक | Nicholas Roerichसुदूर के देशों से आकर भारतीय प्रकृति, दर्शन और संस्कृति से प्रभावित होकर यहीं पर बस जाने वाले महापुरूषों में … Read more
- जार्ज कीट | George Keetजार्ज कीट जन्म से सिंहली किन्तु सांस्कृतिक दृष्टि से भारतीय हैं । उनका जन्म श्रीलंका के केण्डी नामक स्थान पर … Read more
- भाऊ समर्थ | Bhau Samarthभाऊ समर्थ का जन्म महाराष्ट्र में भण्डारा जिले के लाखनी नामक ग्राम में 14 मार्च 1928 को हुआ था। बचपन … Read more
- रसिक डी० रावल | Rasik D. Rawalरसिक दुर्गाशंकर रावल का जन्म सौराष्ट्र में सारडोई में 21 अगस्त 1928 ई. को हुआ था। उनका शैशव साबरकांठा में … Read more
- जे. सुल्तान अली | J. Sultan Aliजे० सुल्तान अली का जन्म बम्बई में . 12 सितम्बर 1920 को हुआ था। उन्होंने गवर्नमेण्ट कालेज ऑफ आर्ट्स एण्ड … Read more
- अ० अ० आलमेलकर | Abdul Rahim Appa Bhai Alamelkarअब्दुल रहीम अप्पा भाई आलमेलकर का जन्म अहमदाबाद में हुआ था। बचपन से ही उन्हें चित्रकला का शौक था। उनके पिता … Read more
- माधव सातवलेकर | Madhav Satwalekarमाधव सातवलेकर का जन्म 1915 ई० में हुआ था पश्चिमी यथार्थवादी एकेडेमिक पद्धति को भारतीय विषयों के अनुकूल चित्रण का … Read more
- श्यावक्स चावड़ा | Shiavax Chavdaश्यावक्स चावड़ा का जन्म दक्षिणी गुजरात के नवसारी करने में 18 जून 1914 को गुजराती भाष-भाषी पारसी परिवार में हुआ … Read more
- कहिंगेरी कृष्ण हेब्बार | Katingeri Krishna Hebbarकृष्ण हेब्बार का जन्म दक्षिणी कन्नड के एक छोटे से सुन्दर गाँव कट्टिगेरी में 15 जून 1912 को हुआ था। … Read more
- देवकृष्ण जटाशंकर जोशी | Devkrishna Jatashankar Joshiश्री डी०जे० जोशी का जन्म 7 जुलाई 1911 ई० को महेश्वर में एक ब्राह्मण ज्योतिषी परिवार में हुआ था जो … Read more
- पी० टी० रेड्डी | P. T. Reddyपाकल तिरूमल रेड्डी का जन्म हैदराबाद (दक्षिण) से लगभग 108 मील दूर अन्नारम ग्राम में 15 जनवरी 1915 को हुआ … Read more
- जसवन्त सिंह | Jaswant Singhसिख चित्रकारों में जसवन्त सिंह एक सशक्त अतियथार्थवादी चित्रकार के रूप में विख्यात हुए हैं। उनके अग्रज शोभासिंह तथा ठाकुरसिंह … Read more
- अरूपदास | Arupadasअरूपदास का जन्म चिनसुराह में 5 जुलाई 1927 को हुआ था और बचपन इसी सुन्दर कस्बे में व्यतीत हुआ जिसका … Read more
- जहाँगीर साबावाला | Jahangir Sabawalaजहाँगीर साबावाला का जन्म बम्बई में 1922 ई० में हुआ था। आरम्भ में उन्होंने बम्बई विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया और … Read more
- विमल दास गुप्ता | Vimal Das Guptaश्री दासगुप्ता का जन्म 28 दिसम्बर 1917 को बंगाल में हुआ था। आपका बचपन आपके ताऊजी के पास बरहमपुर (ब्रह्मपुर) … Read more
- के० श्रीनिवासुल | K. Srinivasulकृष्णस्वामी श्री निवासुल का जन्म मद्रास में 6 जनवरी 1923 को हुआ था उनका बचपन नांगलपुरम् की प्राकृतिक सुषमा के … Read more
- के० जी० सुब्रमण्यन् | K. G. Subramanianसुब्रमण्यन् (मनी) का जन्म (1824 ) केरल के पाल घाट में हुआ था। वे मद्रास चले गये और फिर बंगाल। वहाँ … Read more
- लक्ष्मा गौड | Laxma Gaudलक्ष्मा गौड का जन्म निजामपुर (आन्ध्रप्रदेश) हुआ था। बचपन में आंध्र प्रदेश के ग्रामीण जीवन का जो प्रभाव उन पर … Read more
- यज्ञेश्वर शुक्ल | Yagyeshwar Shuklaगुजरात के प्रसिद्ध चित्रकार श्री यज्ञेश्वर कल्याण जी शुक्ल (वाई० के० शुक्ल ) का जन्म सुदामापुरी ( पोरबन्दर, गुजरात) में … Read more
- विकास भट्टाचार्जी | Vikas Bhattacharjeeविकास का जन्म कलकत्ता में 21 जून 1940 को हुआ था। आरम्भिक शिक्षा के बाद कला के अध्ययन के लिये … Read more
- जोगेन चौधरी | Jogen Chaudharyजोगेन चौधरी का जन्म पूर्वी बंगाल (अब बांग्लादेश) के फरीदपुर नामक गाँव में 19 फरवरी 1939 ई० को एक सम्पन्न … Read more
- जगन्नाथ मुरलीधर अहिवासी | Jagannath Muralidhar Ahivasiश्री अहिवासी का जन्म 6 जुलाई 1901 को ब्रज भूमि में गोकुल के निकट बल्देव ग्राम में हुआ था। जब … Read more
- परमानन्द चोयल | Parmanand Choyalश्री परमानन्द चोयल का जन्म 5 जनवरी 1924 को कोटा (राजस्थान) में हुआ था। प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त करने के उपरान्त … Read more
- गणेश पाइन | Ganesh Pyneगणेश पाइन का जन्म 19 जून 1937 को कलकत्ता में हुआ था। उन्होंने कलकत्ता कला महाविद्यालय से 1959 में ड्राइंग … Read more
- रविशंकर रावल | Ravi Shankar Rawalआप गुजरात के प्रसिद्ध चित्रकार थे । आपने बम्बई में कला की शिक्षा ग्रहण की और वहां आप पर पाश्चात्य … Read more
- बीरेश्वर भट्टाचार्जी | Bireshwar Bhattacharjeeश्री वीरेश्वर भट्टाचार्जी का जन्म ढाका (अब बांग्लादेश) में 25 जुलाई 1935 को हुआ था। आरम्भिक शिक्षा स्थानीय रूप से … Read more
- ए० रामचन्द्रन | A. Ramachandranरामचन्द्रन का जन्म केरल में हुआ था। वे आकाशवाणी पर गायन के कार्यक्रम में भाग लेते थे। कुछ समय पश्चात् … Read more
- देवकी नन्दन शर्मा | Devki Nandan Sharmaप्राचीन जयपुर रियासत के राज-कवि के पुत्र श्री देवकी नन्दन शर्मा का जन्म 17 अप्रैल 1917 को अलवर में हुआ … Read more
- अनुपम सूद | Anupam Soodअनुपम सूद का जन्म होशियारपुर में 1944 में हुआ था। उन्होंने कालेज आफ आर्ट दिल्ली से 1967 में नेशनल डिप्लोमा … Read more
- परमजीत सिंह | Paramjit Singhपरमजीत सिंह का जन्म 23 फरवरी 1935 अमृतसर में हुआ था। आरम्भिक शिक्षा के उपरान्त वे दिल्ली पॉलीटेक्नीक के कला … Read more
- बम्बई आर्ट सोसाइटी | Bombay Art Societyभारत में पश्चिमी कला के प्रोत्साहन के लिए अंग्रेजों ने बम्बई में सन् 1888 ई० में एक आर्ट सोसाइटी की … Read more
- भूपेन खक्खर | Bhupen Khakharभूपेन खक्खर का जन्म 10 मार्च 1934 को बम्बई में हुआ था। उनकी माँ के परिवार में कपडे रंगने का … Read more
- के०सी० एस० पणिक्कर | K.C.S.Panikkarतमिलनाडु प्रदेश की कला काफी पिछड़ी हुई है। मन्दिरों से उसका अभिन्न सम्बन्ध होते हुए भी आधुनिक जीवन पर उसकी … Read more
- रवि वर्मा | Ravi Verma Biographyरवि वर्मा का जन्म केरल के किलिमन्नूर ग्राम में अप्रैल सन् 1848 ई० में हुआ था। यह कोट्टायम से 24 … Read more
- नारायण श्रीधर बेन्द्रे | Narayan Shridhar Bendreबेन्द्रे का जन्म 21 अगस्त 1910 को एक महाराष्ट्रीय मध्यवर्गीय ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पूर्वज पूना में रहते … Read more
- शैलोज मुखर्जीशैलोज मुखर्जी का जन्म 2 नवम्बर 1907 दन को कलकत्ता में हुआ था। उनकी कला चेतना बचपन से ही मुखर … Read more
- दत्तात्रेय दामोदर देवलालीकर | Dattatreya Damodar Devlalikar Biographyअपने आरम्भिक जीवन में “दत्तू भैया” के नाम से लोकप्रिय श्री देवलालीकर का जन्म 1894 ई० में हुआ था। वे … Read more
- बी. प्रभानागपुर में जन्मी बी० प्रभा (1933 ) को बचपन से ही चित्र- रचना का शौक था। सोलह वर्ष की आयु में … Read more
- सजावटी चित्रकला | Decorative Artsभारतीयों की कलात्मक अभिव्यक्ति केवल कैनवास या कागज पर चित्रकारी करने तक ही सीमित नहीं है। घरों की दीवारों पर … Read more
- भारत में विदेशी चित्रकार | Foreign Painters in Indiaआधुनिक भारतीय चित्रकला के विकास के आरम्भ में उन विदेशी चित्रकारों का महत्वपूर्ण योग रहा है जिन्होंने यूरोपीय प्रधानतः ब्रिटिश, … Read more
- भारतीय चित्रकला | Indian Artपरिचय टेराकोटा पर या इमारतों, घरों, बाजारों और संग्रहालयों की दीवारों पर आपको कई पेंटिंग, बॉल हैंगिंग या चित्रकारी दिख … Read more
- मिथिला चित्रकला | मधुबनी कला | Mithila Paintingमिथिला चित्रकला, जिसे मधुबनी लोक कला के रूप में भी जाना जाता है. बिहार के मिथिला क्षेत्र की पारंपरिक कला है। यह गाँव … Read more
- डेनियल चित्रकार | टामस डेनियल तथा विलियम डेनियल | Thomas Daniels and William Danielsटामस तथा विलियम डेनियल भारत में 1785 से 1794 के मध्य रहे थे। उन्होंने कलकत्ता के शहरी दृश्य, ग्रामीण शिक्षक, … Read more
- प्राचीन काल में चित्रकला में प्रयुक्त सामग्री | Material Used in Ancient Artविभिन्न प्रकार के चित्रों में विभिन्न सामग्रियों का उपयोग किया जाता था। साहित्यिक स्रोतों में चित्रशालाओं (आर्ट गैलरी) और शिल्पशास्त्र … Read more
- कालीघाट चित्रकारी | Kalighat Paintingकालीघाट चित्रकला का नाम इसके मूल स्थान कोलकाता में कालीघाट के नाम पर पड़ा है। कालीघाट कोलकाता में काली मंदिर के … Read more
- आगोश्तों शोफ्त | Agoston Schofftशोफ्त (1809-1880) हंगेरियन चित्रकार थे। उनके विषय में भारत में बहुत कम जानकारी है। शोफ्त के पितामह जर्मनी में पैदा हुए … Read more
- रमेश बाबू कन्नेकांति | Painting – Tranquility & harmony By Ramesh Babu Kannekantiयह कला पहाड़ी कलाकृतियों की 18वीं शताब्दी की शैली से प्रेरित है। इस आनंदमय दृश्य में, पार्वती पति भगवान शिव … Read more
- पटना चित्रकला | पटना या कम्पनी शैली | Patna School of Paintingऔरंगजेब द्वारा राजदरबार से कला के विस्थापन तथा मुगलों के पतन के बाद विभिन्न कलाकारों ने क्षेत्रीय नवाबों के यहाँ आश्रय … Read more
- सतीश गुजराल | Satish Gujral Biographyसतीश गुजराल का जन्म पंजाब में झेलम नामक स्थान पर 1925 ई० में हुआ था। केवल दस वर्ष की आयु … Read more
- रमेश बाबू कनेकांति | Painting – A stroke of luck By Ramesh Babu Kannekantiगणेश के हाथी के सिर ने उन्हें पहचानने में आसान बना दिया है। भले ही वह कई विशेषताओं से सम्मानित … Read more
- आधुनिक काल में चित्रकला18वीं सदी के अंत और 19वीं सदी की शुरुआत में, चित्रों में अर्द्ध-पश्चिमी स्थानीय शैली शामिल हुई, जिसे ब्रिटिश निवासियों … Read more
- प्रगतिशील कलाकार दल | Progressive Artist Groupकलकत्ता की तुलना में बम्बई नया शहर है किन्तु उसका विकास बहुत अधिक और शीघ्रता से हुआ है। 1911 में … Read more
- रमेश बाबू कन्नेकांति की पेंटिंग | Eternal Love By Ramesh Babu Kannekantiशिव के चार हाथ शिव की कई शक्तियों को दर्शाते हैं। पिछले दाहिने हाथ में ढोल है, जो ब्रह्मांड के … Read more
- मध्यकालीन भारत में चित्रकला | Painting in Medieval Indiaदिल्ली में सल्तनत काल की अवधि के दौरान शाही महलों, शयनकक्षों और मसजिदों से भित्ति चित्रों के साक्ष्य मिले हैं। … Read more
- रथीन मित्रा (1926)रथीन मित्रा का जन्म हावड़ा में 26 जुलाई को 1926 में हुआ था। उनकी कला-शिक्षा कलकत्ता कला-विद्यालय में हुई । … Read more
- रामगोपाल विजयवर्गीय | Ramgopal Vijayvargiyaपदमश्री रामगोपाल विजयवर्गीय जी का जन्म बालेर ( जिला सवाई माधोपुर) में सन् 1905 में हुआ था। आप महाराजा स्कूल … Read more
- रणबीर सिंह बिष्ट | Ranbir Singh Bishtरणबीर सिंह बिष्ट का जन्म लैंसडाउन (गढ़बाल, उ० प्र०) में 1928 ई० में हुआ था। आरम्भिक शिक्षा गढ़वाल में ही … Read more
- नन्दलाल बसु | Nandlal Basuश्री अवनीन्द्रनाथ ठाकुर की शिष्य मण्डली के प्रमुख साधक नन्दलाल बसु थे ये कलाकार और विचारक दोनों थे। उनके व्यक्तित्व … Read more
- ललित मोहन सेन | Lalit Mohan Senललित मोहन सेन का जन्म 1898 में पश्चिमी बंगाल के नादिया जिले के शान्तिपुर नगर में हुआ था ग्यारह वर्ष … Read more
- सुधीर रंजन खास्तगीर | Sudhir Ranjan Khastgirसुधीर रंजन खास्तगीर का जन्म 24 सितम्बर 1907 को कलकत्ता में हुआ था। उनके पिता श्री सत्यरंजन खास्तगीर छत्ताग्राम (आधुनिक … Read more
- मनीषी दे | Manishi Deदे जन्मजात चित्रकार थे। एक कलात्मक परिवार में उनका जन्म हुआ था। मनीषी दे का पालन-पोषण रवीन्द्रनाथ ठाकुर की. देख-रेख … Read more
- नीरद मजूमदार | Nirad Majumdaarनीरद (अथवा बंगला उच्चारण में नीरोद) को नीरद (1916-1982) चौधरी के नाम से भी लोग जानते हैं। उनकी कला में … Read more
- कनु देसाई | Kanu Desai(1907) गुजरात के विख्यात कलाकार कनु देसाई का जन्म – 1907 ई० में हुआ था। आपकी कला शिक्षा शान्ति निकेतन … Read more
- रामकिंकर वैज | Ramkinkar Vaijशान्तिनिकेतन में “किकर दा” के नाम से प्रसिद्ध रामकिंकर का जन्म बांकुड़ा के निकट जुग्गीपाड़ा में हुआ था। बाँकुडा में … Read more
- मिश्रित यूरोपीय पद्धति के राजस्थानी चित्रकार | Rajasthani Painters of Mixed European Styleइस समय यूरोपीय कला से राजस्थान भी प्रभावित हुआ। 1851 में विलियम कारपेण्टर तथा 1855 में एफ०सी० लेविस ने राजस्थान को प्रभावित … Read more
- शारदाचरण उकील | Sharadacharan Ukilश्री उकील का जन्म बिक्रमपुर (अब बांगला देश) में हुआ था। आप अवनीन्द्रनाथ ठाकुर के प्रमुख शिष्यों में से थे। … Read more
- के० वेंकटप्पा | K. Venkatappaआप अवनीन्द्रनाथ ठाकुर के आरम्भिक शिष्यों में से थे। आपके पूर्वज विजयनगर के दरबारी चित्रकार थे विजय नगर के पतन … Read more
- विनोद बिहारी मुखर्जी | Vinod Bihari Mukherjee Biographyमुखर्जी महाशय (1904-1980) का जन्म बंगाल में बहेला नामक स्थान पर हुआ था। आपकी आरम्भिक शिक्षा स्थानीय पाठशाला में हुई … Read more
- हेमन्त मिश्र (1917)असम के चित्रकार हेमन्त मिश्र एक मौन साधक हैं। वे कम बोलते हैं। वेश-भूषा से क्रान्तिकारी लगते है अपने रेखा-चित्रों … Read more
- अब्दुर्रहमान चुगताई (1897-1975) वंश परम्परा से ईरानी और जन्म से भारतीय श्री मुहम्मद अब्दुर्रहमान चुगताई अवनीन्द्रनाथ ठाकुर के ही एक प्रतिभावान् शिष्य थे … Read more
- देवी प्रसाद राय चौधरी | Devi Prasad Raychaudhariदेवी प्रसाद रायचौधुरी का जन्म 1899 ई० में पू० बंगाल (वर्तमान बांग्लादेश) में रंगपुर जिले के ताजहाट नामक ग्राम में … Read more
- क्षितीन्द्रनाथ मजुमदार | Kshitindranath Majumdarक्षितीन्द्रनाथ मजूमदार का जन्म 1891 ई० में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में निमतीता नामक स्थान पर हुआ था। उनके … Read more
- क्षितीन्द्रनाथ मजुमदार के चित्र | Paintings of Kshitindranath Majumdar1. गंगा का जन्म (शिव)- (कागज, 12 x 18 इंच ) 2. मीराबाई की मृत्यु – ( कागज, 12 x … Read more
- असित कुमार हाल्दार | Asit Kumar Haldarश्री असित कुमार हाल्दार में काव्य तथा चित्रकारी दोनों ललित कलाओं का सुन्दर संयोग मिलता है। श्री हाल्दार का जन्म … Read more
- ठाकुर परिवार | ठाकुर शैली1857 की असफल क्रान्ति के पश्चात् अंग्रेजों ने भारत में हर प्रकार से अपने शासन को दृढ़ बनाने का प्रयत्न … Read more
- अवनीन्द्रनाथ ठाकुरआधुनिक भारतीय चित्रकला आन्दोलन के प्रथम वैतालिक श्री अवनीन्द्रनाथ ठाकुर का जन्म जोडासको नामक स्थान पर सन् 1871 में जन्माष्टमी … Read more
- कला के क्षेत्र में किये जाने वाले सरकारी प्रयास | Government efforts made by the British in the field of artसन् 1857 की क्रान्ति के असफल हो जाने से अंग्रेजों की शक्ति बढ़ गयी और भारत के अधिकांश भागों पर … Read more
- बंगाल का आरम्भिक तैल चित्रण | Early Oil Painting in Bengalअठारहवीं शती में बंगाल में जो तैल चित्रण हुआ उसे “डच बंगाल शैली” कहा जाता है। इससे स्पष्ट है कि … Read more
- कम्पनी शैली | पटना शैली | Compony School Paintingsअठारहवी शती के मुगल शैली के चित्रकारों पर उपरोक्त ब्रिटिश चित्रकारों की कला का बहुत प्रभाव पड़ा। उनकी कला में … Read more
- पट चित्रकला | पटुआ कला क्या हैलोककला के दो रूप है, एक प्रतिदिन के प्रयोग से सम्बन्धित और दूसरा उत्सवों से सम्बन्धित पहले में सरलता है; दूसरे में आलंकारिकता दिखाया तथा शास्त्रीय नियमों के अनुकरण की प्रवृति है। पटुआ कला प्रथम प्रकार की है।
- काँच पर चित्रण | Glass Paintingअठारहवीं शती उत्तरार्द्ध में पूर्वी देशों की कला में अनेक पश्चिमी प्रभाव आये। यूरोपवासी समुद्री मार्गों से खूब व्यापार कर … Read more
- आधुनिक भारतीय चित्रकला की पृष्ठभूमि | Aadhunik Bharatiya Chitrakala Ki Prshthabhoomiआधुनिक भारतीय चित्रकला का इतिहास एक उलझनपूर्ण किन्तु विकासशील कला का इतिहास है। इसके आरम्भिक सूत्र इस देश के इतिहास तथा भौगोलिक परिस्थितियों … Read more
- Gopal Ghosh Biography | गोपाल घोष (1913-1980)आधुनिक भारतीय कलाकारों में रोमाण्टिक के रूप में प्रतिष्ठित कलाकार गोपाल घोष का जन्म 1913 में कलकत्ता में हुआ था। … Read more
- कलकत्ता ग्रुप1940 के लगभग से कलकत्ता में भी पश्चिम से प्रभावित नवीन प्रवृत्तियों का उद्भव हुआ । 1943 में प्रदोष दास … Read more
- पटना शैलीउथल-पुथल के इस अनिश्चित वातावरण में दिल्ली से कुछ मुगल शैली के चित्रकारों के परिवार आश्रय की खोज में भटकते … Read more
- मैसूर शैलीदक्षिण के एक दूसरे हिन्दू राज्य मैसूर में एक मित्र प्रकार की कला शैली का विकास हुआ। उन्नीसवीं शताब्दी के … Read more
- तंजौर शैलीतंजोर के चित्रकारों की शाखा के विषय में ऐसा अनुमान किया जाता है कि यहाँ चित्रकार राजस्थानी राज्यों से आये … Read more
- अभिव्यंजनावाद | भारतीय अभिव्यंजनावाद | Indian Expressionismयूरोप में बीसवीं शती का एक प्रमुख कला आन्दोलन “अभिव्यंजनावाद” के रूप में 1905-06 के लगभग उदय हुआ । इसका … Read more
- बसोहली की चित्रकलाबसोहली की स्थिति बसोहली राज्य के अन्तर्गत ७४ ग्राम थे जो आज जसरौटा जिले की बसोहली तहसील के अन्तर्गत आते … Read more
- रेखा क्या है | रेखा की परिभाषारखा वो बिन्दुओं या दो सीमाओं के बीच की दूरी है, जो बहुत सूक्ष्म होती है और गति की दिशा निर्देश करती है लेकिन कलापक्ष के अन्तर्गत रेखा का प्रतीकात्मक महत्व है और यह रूप की अभिव्यक्ति व प्रवाह को अंकित करती है।
- टीजीटी / पीजीटी कला से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न | Important questions related to TGT/PGT Artsसांझी कला किस पर की जाती है ? उत्तर: (B) भूमि पर ‘चाँद को देखकर भौंकता हुआ कुत्ता’ किस चित्रकार … Read more
- राजस्थानी चित्र शैली की विशेषतायें | Rajasthani Painting Styleराजस्थान एक वृहद क्षेत्र है जो “अवोड ऑफ प्रिंसेज” माना जाता है इसके पश्चिम में बीकानेर, दक्षिण में बूँदी, कोटा तथा उदयपुर … Read more