"क्या आप जानते हैं कि कितने प्रकार की कलाएं होती हैं? आपको जानकर यकीन नहीं होगा!"
Indianarthistory.com
इस कला के द्वारा व्यक्त भाव अधिक सूक्ष्म तथा स्पष्ट होते हैं। संगीत कला का विशेषज्ञ अपनी कला से श्रोता को रुला भी सकता है और हँसा भी
1.संगीत कला
नृत्यकला की गणना भी कला के अच्छे रूप में होती है। नृत्य के द्वारा कला की उन्नति होती है।
2.नृत्य कला
काव्य का स्थान ललित कलाओं में सर्वश्रेष्ठ है। इसके आधार शब्द और अर्थ हैं। जहाँ संगीत कला में केवल स्वरों का प्रयोग होता है, वहाँ काव्य कला में स्वर और व्यंजन दोनों ही प्रयुक्त होते हैं।
indianarthistory.com
3.कविता या काव्यकला
यह कला वास्तु कला की अपेक्षा अधिक रूप में उत्कृष्ट है क्योंकि इसके साधन अपेक्षाकृत अधिक सूक्ष्म है
indianarthistory.com
4.मूर्तिकला
indianarthistory.com
वास्तुकला को स्थापत्य कला के नाम से भी पुकारते हैं। इस कला के अन्तर्गत भवन निर्माण मंदिर, मस्जिद, बांध, पुल आदि के निर्माण का कार्य होता है।
5.भवन निर्माण कला या वास्तुकला
मूर्तिकला के मुकाबले में चित्रकला अधिक उत्कृष्ट तथा कला है।
6.रंजन कला या चित्रकला
वास्तु एवं मूर्ति को अपेक्षा चित्रकला मनोभावों की अधिक स्पष्ट करती हैं।
कुछ और कलाएँ भी होती हैं!
INDIANARTHISTORY.COM
ऐसी कलाएँ जिनके माध्यम से कलाकार को अपनी स्वतंत्र छवि से रचनात्मक कार्य करने का अवसर मिलता है, जैसे चित्रकला, वास्तुकला, संगीत, नृत्य, नाटक, साहित्य।
INDIANARTHISTORY.COM
1. ललित कला
जब निश्चित सिद्धान्तों व उच्च आदर्श को लेकर कला निर्मित की जाती है तो यह शास्त्रीय कला कहलाती है।
INDIANARTHISTORY.COM
2. शास्त्रीय कला
यह प्रशिक्षित कलाकारों की कला न होकर सामान्य व्यक्तियों की कला होती है.
INDIANARTHISTORY.COM
3. लोक कला
ऐसी कला, जिसमें नवीनता या प्रयोगशीलता का स्थान नहीं होता।