गुफाएँ महाराष्ट्र में औरंगाबाद के पास वाघोरा नदी के पास सह्याद्रि पर्वतमाला (पश्चिमी घाट) में रॉक-कट गुफाओं की एक श्रृंखला के रूप में स्थित हैं।
अजंता की गुफा का निर्माण दो चरणों में हुआ था।
indianarthistory.com
अजंता की गुफा में गुफा नंबर 9, 10, 12, 13 एवं 15 का निर्माण पहले चरण में हुआ था और बाकी गुफाओं का निर्माण दूसरे चरण में।
indianarthistory.com
अजंता की गुफा में कुल 30 गुफाएं बनी हुई है।
अजंता की गुफा के जो पूरी संरचना एक घोड़े की नाल के आकार की हैं।
indianarthistory.com
indianarthistory.com
अजंता की सभी गुफाओं में गुफा नंबर 9 अन्य गुफाओं की तुलना में काफी पौराणिक माना जाता है।
अजंता की गुफा को वर्तमान समय में विश्व धरोहर सूची में रखा है।
गुफाओं का विकास 200 ई.पू. से 650 ईस्वी के मध्य हुआ था।
वाकाटक राजाओं जिनमें हरिसेना के संरक्षण में अजंता की गुफाएँ बौद्ध भिक्षुओं द्वारा उत्कीर्ण की गई थीं।
अजंता की गुफाओं की जानकारी चीनी बौद्ध यात्रियों फ़ाहियान (चंद्रगुप्त द्वितीय के शासनकाल के दौरान 380- 415 ईस्वी) और ह्वेन त्सांग (सम्राट हर्षवर्धन के शासनकाल के दौरान 606 - 647 ईस्वी) के यात्रा वृतांतों में पाई जाती है।